इंटरनेशनल डेस्क.अमेरिका ने H-1B मुद्दे पर कहा है कि हम भारतीय कंपनियों के इन्वेस्टमेंट की कद्र करते हैं। साथ ही अमेरिका और भारत के बीच मजबूत इकोनॉमिक रिलेशन चाहते हैं। कुछ दिन पहले अरुण जेटली ने H-1B वीजा पर अपने अमेरिकी काउंटरपार्ट स्टीवन नूचिन के साथ बात की थी। बिजनेस के क्षेत्र में दोनों देशों के रिलेशन मजबूत हों...
आखिर H-1B पर मशक्कत क्यों?
- दरअसल, अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने के लिए H-1B के रूल्स को सख्त बनाने की बात कही जाती रही है।
- आरोप है कि कई कंपनियां दूसरे देशों से कम सैलरी पर वर्कर अमेरिका लाती हैं। इससे अमेरिकियों को नौकरी मिलने के मौके कम हो जाते हैं और बेरोजगारी बढ़ती है।
- ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के एक अफसर ने कहा- हमारे देश में भी क्वॉलिफाइड प्रोफेशनल्स हैं, जो कंपनियों की जरूरत पूरी कर सकते हैं।
- बता दें कि कुछ दिनों पहले ही ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने एक पॉलिसी मेमोरेंडम जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स H-1B वीजा के लिए एलिजिबल नहीं होंगे।
- दरअसल, अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने के लिए H-1B के रूल्स को सख्त बनाने की बात कही जाती रही है।
- आरोप है कि कई कंपनियां दूसरे देशों से कम सैलरी पर वर्कर अमेरिका लाती हैं। इससे अमेरिकियों को नौकरी मिलने के मौके कम हो जाते हैं और बेरोजगारी बढ़ती है।
- ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के एक अफसर ने कहा- हमारे देश में भी क्वॉलिफाइड प्रोफेशनल्स हैं, जो कंपनियों की जरूरत पूरी कर सकते हैं।
- बता दें कि कुछ दिनों पहले ही ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने एक पॉलिसी मेमोरेंडम जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स H-1B वीजा के लिए एलिजिबल नहीं होंगे।
क्या है H-1B वीजा?
- H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है।
- इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी थ्योरिटिकल या टेक्निकल एक्सपर्ट्स को अपने यहां रख सकती हैं।
- H-1B वीजा के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों इम्प्लॉइज की भर्ती करती हैं।
- USCIS जनरल कैटेगरी में 65 हजार फॉरेन इम्प्लॉइज और हायर एजुकेशन (मास्टर्स डिग्री या उससे ज्यादा) के लिए 20 हजार स्टूडेंट्स को एच-1बी वीजा जारी करता है।
- अप्रैल 2017 में यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने 1 लाख 99 हजार H-1B पिटीशन रिसीव कीं।
- अमेरिका ने 2015 में 1 लाख 72 हजार 748 वीजा जारी किए, यानी 103% ज्यादा। ये स्टूडेंट्स यूएस के किसी संस्थान में पढ़े हुए होने चाहिए। इनके सब्जेक्ट साइंस, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मैथ्स होने चाहिए।
- बता दें कि पिछले महीने यूएस कोर्ट ने 2 भारतीयों को एच-1बी वीजा धोखाधड़ी का आरोपी पाया था। अगर दोनों पर दोष साबित हुआ तो उन्हें 20 साल जेल या 1.6 करोड़ रुपए जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।
- H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है।
- इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी थ्योरिटिकल या टेक्निकल एक्सपर्ट्स को अपने यहां रख सकती हैं।
- H-1B वीजा के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों इम्प्लॉइज की भर्ती करती हैं।
- USCIS जनरल कैटेगरी में 65 हजार फॉरेन इम्प्लॉइज और हायर एजुकेशन (मास्टर्स डिग्री या उससे ज्यादा) के लिए 20 हजार स्टूडेंट्स को एच-1बी वीजा जारी करता है।
- अप्रैल 2017 में यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने 1 लाख 99 हजार H-1B पिटीशन रिसीव कीं।
- अमेरिका ने 2015 में 1 लाख 72 हजार 748 वीजा जारी किए, यानी 103% ज्यादा। ये स्टूडेंट्स यूएस के किसी संस्थान में पढ़े हुए होने चाहिए। इनके सब्जेक्ट साइंस, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मैथ्स होने चाहिए।
- बता दें कि पिछले महीने यूएस कोर्ट ने 2 भारतीयों को एच-1बी वीजा धोखाधड़ी का आरोपी पाया था। अगर दोनों पर दोष साबित हुआ तो उन्हें 20 साल जेल या 1.6 करोड़ रुपए जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।
फीस पहले ही बढ़ा चुका है अमेरिका
- अमेरिका जनवरी 2016 में एच-1बी और एल-1 वीजा फीस बढ़ा चुका है। एच-1बी के लिए यह 2000 डॉलर से बढ़ाकर 6000 डॉलर और एल-1 के लिए 4500 डॉलर किया गया है।
- यह नियम उन कंपनियों के लिए हैं, जिनके यूएस में 50 या इससे ज्यादा इम्प्लॉई हैं और इनमें से 50 फीसदी से ज्यादा एच-बी या एल-1 वीजा पर जॉब कर रहे हैं।
- अमेरिका जनवरी 2016 में एच-1बी और एल-1 वीजा फीस बढ़ा चुका है। एच-1बी के लिए यह 2000 डॉलर से बढ़ाकर 6000 डॉलर और एल-1 के लिए 4500 डॉलर किया गया है।
- यह नियम उन कंपनियों के लिए हैं, जिनके यूएस में 50 या इससे ज्यादा इम्प्लॉई हैं और इनमें से 50 फीसदी से ज्यादा एच-बी या एल-1 वीजा पर जॉब कर रहे हैं।
Source:-Bhaskar
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