जेएनएन, चंडीगढ़। हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए गए चारों मुख्य संसदीय सचिवों की मुश्किलें बढ़ सकती हैैं। आम आदमी पार्टी ने चारों विधायकों को लाभ के पद पर तैनात किए जाने को आधार बनाते हुए चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनकी विधानसभा से सदस्यता रद करने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि 10 दिन में कोई कार्रवाई नहीं होने पर वह हाई कोर्ट जाएगी।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को लिखे पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों को हर महीने 37 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री ने पौने दो करोड़ रुपये की स्वैच्छिक ग्रांट जारी की, जबकि विधायकों के लिए ऐसी किसी ग्रांट का प्रावधान नहीं है।
इन विधायकों से मांगा जा रहा इस्तीफा
हाईकोर्ट के आदेश के बाद असंध के विधायक बख्शीश सिंह विर्क, रादौर के विधायक श्याम सिंह राणा, बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा और हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता सीपीएस पद से इस्तीफे दे चुके हैैं।
सदस्यता बचाने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट नहीं गई सरकार
नवीन जयहिंद ने कहा कि चारों विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए ही सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी। अगर इन विधायकों की सदस्यता खत्म होती है तो भाजपा के 47 विधायकों में से सिर्फ 43 रह जाएंगे और उसे सत्ता में बने रहने के लिए निर्दलियों का सहारा लेना पड़ेगा। कांग्रेस और इनेलो सीबीआइ के डर से इस मामले को नहीं उठा रहीं।
Source:-Jagran
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